नीमच में शानदार मना दशहरा उत्सव, 51 फिट रावण के पुतले का हुआ दहन, रावण तथा माता कालका सहित अनेक स्वांगधारी रहे प्रमुख आकर्षण का केंद्र

नीमच न.प्र.। नीमच की दशहरा मैदान में दशहरा उत्सव बड़े धूमधाम और शानदार तरीके से मनाया गया। सुंदर आतिशबाजी के बीच कुंभकरण मेघनाथ और रावण के पुतलो का दहन किया गया। दशहरा उत्सव में शामिल होने के लिए जिले भर से आम लोग यहां पहुंचे। इस दौरान स्वांगधारी रावण ने मंच से आम लोगों से मतदान करने की अपील भी की।

 मंगलवार को दशहरा मैदान में रावण, कुंभकरण और मैघनाथ के पुतले बनाये गये । प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी दशहरा उत्सव समिति ने भव्य आतिशबाजी के साथ धूमधाम से दशहरा उत्सव मनाया। खाटू श्याम जी, राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमानजी, ताड़का, और कालका देवी का स्वांग रचकर स्वांगधारीतो ने सभी का मन मोह लिया। रावण दहन के बाद सभी स्वांगधारीतो को पुरस्कृत भी किया गया। बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व विजया दशमी हर वर्ष की तरह इस बार भी शहर के दशहरा मैदान में दशहरा उत्सव समिति नीमच द्वारा बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। दशहरा उत्सव में रंगारंग आतिशबाजी के मध्य श्री राम दरबार की शोभायात्रा, कालका माता की परिक्रमा एवं विभिन्न स्वांगधारी आकर्षण का केंद्र रहे। दशहरा उत्सव समिति के अध्यक्ष हेमंत सिंहल एवं सचिव अमरीश शर्मा ने जानकारी में बताया कि दशहरा उत्सव समिति द्वारा हर वर्ष दशहरा उत्सव बड़े ही हर्ष उल्लास एवं धूमधाम के साथ मनाया जाता है इस बार विजयादशमी पर दशहरा मैदान में 51 फिट रावण व मेघनाथ और कुंभकर्ण के 41फिट के पुतलो का दहन किया गया। रावण दहन के पहले नगर में भगवान राम और लक्ष्मण की शाही शोभायात्रा निकाली गई। रावण दहन कार्यक्रम शाम 7 बजे से प्रारंभ हुवा । इसके पश्चात रात्रि 8:00 बजे रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलो का दहन आगंतुक अतिथियों दिलीप सिंह परिहार, जिला पंचायत अध्यक्ष सज्जन सिंह चौहान, नगर पालिका अध्यक्षा स्वाति चोपड़ा, समाजसेवी नीरज अरोरा गंगानगर, समाजसेवी अमित सिंघानिया सीआरपी डीआईजी व अन्य अतिथियों द्वारा किया गया। वही दशहरा उत्सव समिति द्वरा उत्सव में शामिल होने वाले स्वांगधारियों का उत्साह बढाने के लिए इस बार उन्हें स्वर्गीय घनश्याम गोयल की स्मृति में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर एलइडी टीवी, द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर, होम थिएटर एवं तृतीय पुरस्कार प्राप्त करने पर रोटी मेकर एवं तीन स्वांगधारीयो को विशेष पुरस्कार व अन्य सभी को आकर्षक सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए गए। रावण दहन पश्चात शहर के नागरिकों ने मेले का आनंद उठाया और बच्चों ने झूले चकरी में झूलकर उत्सव को यादगार बनाया।

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