विश्व गोरैया दिवस व चैत्र नवरात्र के शुभ अवसर पर आवरी माता जी मन्दिर परिसर में तीन हजार पक्षियों के लिए 12 लाख की लागत से बनेगा 8 मंजिला आशियाना
*विश्व गोरैया दिवस व चैत्र नवरात्र के शुभ अवसर पर -*---
*आवरी माता जी मन्दिर परिसर में तीन हजार पक्षियों के लिए 12 लाख रुपए की लागत से 8 मंजिला 72 फीट ऊंचे रात्रि विश्राम हेतु टावर निर्माण कार्य 24 मार्च को होगा पूरा*----
चेतक न्यूज
नीमच । इस आधुनिक जीवन शैली में मूक पक्षियों की सामान्य रूप से रहने में बाधक बन गई है, पेड़ों की अंधाधुंध कटाई, खेतों में कृषि रसायनों का अधिकाधिक प्रयोग, टेलीफोन टावरों से निकलने वाली तरंगें, डीजे की ध्वनि प्रदुषण ,पक्के मकानों(बिल्डिंगों) पर जाल डालने और कांच की खिड़कियां तथा खेतों में लगे बगीचों एवं अन्य फसलों पर जाल बिछा कर रखने से इनके जीवन के लिए प्रतिकूल है।
मकानों की मिट्टी की दीवारों की दरारों में बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर बने टिन शेडों और घरों के आंगन में चहचहाहट पक्षियों की धीरे-धीरे शहरों एवं ग्रामीण अंचलों से गायब होने लगी है। इनके संरक्षण में सरकारें भी गणना जैसे अभियान चलाती है पर सिर्फ दिखावा मात्र बनकर रह जाती है। पूरे उज्जैन संभाग में यह दूसरा पक्षी रात्रि विश्राम टावर है जो जीरन तहसील का एक मात्र चीताखेड़ा गांव के आवरी माता जी माता जी मन्दिर परिसर में बनकर तैयार हो रहा है। जहां 160 सदस्यों की नर सेवा नारायण सेवा एवं पक्षी दाना समिति है जिन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर पीडित व्यक्ति हो या पशु,पक्षी उनकी रक्षार्थ हेतु दाना पानी, दवा और दुआओं के लिए हर पल तत्पर रहते हुए उनके समाधान हेतु निकल पड़ते हैं। बीना कोई लोभ लालच के पक्षियों की ओलावृष्टि , बारिश शीतलहर एवं लूं के थपेड़ो से जान मान की रक्षा एवं भूखें को भोजन, पानी के अलावा रात्रि विश्राम हेतु जीवों रक्षार्थ हेतु परमार्थी कदम उठाए हुए हैं। नीमच जिले के जीरन तहसील के चीताखेड़ा गांव से लगा तीर्थ स्थल आरोग्य देवी महामाया आवरी माता जी मन्दिर परिसर में 12 लाख रुपए की लागत से 8 मंजिला 72 फिट ऊंचा टावर (कालोनी) घर का निर्माण कार्य पूर्ण होने का आया है। जिसमें एक साथ तीन हजार पक्षी रात्रि विश्राम कर सकेंगे। चैत्र नवरात्र में यह पक्षी रात्रि विश्राम हेतु नव निर्मित टावर पक्षियों के निवास हेतु पक्षियों के हवाले कर दिया जाएगा।
नर सेवा नारायण सेवा समिति के वरिष्ठ दिनेश गुर्जर ने बताया है कि 10 से 15 सालों में पक्षियों की चहचहाहट में काफी कमी आई है। पक्षियों की तादाद इतनी अधिक होते हुए भी किसान और हर आम व्यक्ति की सोच पर्यावरण एवं जीवरक्षा के प्रति जागरूक था परन्तु अब इनकी समय के साथ- साथ मूक पक्षियों की सेवार्थ के प्रति परिवर्तन देखने को मिल रहा है। वहीं दूसरी ओर पक्षियों की दिनों दिन संख्या में भी कमी आई है इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए नर सेवा नारायण सेवा समिति ने पक्षियों की सेवार्थ एवं रक्षार्थ हेतु परमार्थी कदम उठाया है। नर सेवा नारायण सेवा समिति के वरिष्ठ नरेश पाटीदार ने बताया है कि एक समय आसमान में पक्षियों के बड़े- बड़े झुंड के झुंड हवा से बातें करते हुए इधर-उधर उड़ते दिखाई पड़ते थे लेकिन आज जैसे ही टेलीफोन टावरों एवं डीजे की ध्वनि प्रदुषण से सारे पक्षी विलुप्त हो गए हैं। इनकी संख्या फिर से बढ़ाने के उद्देश्य को लेकर नर सेवा नारायण सेवा समिति ने पक्षियों की रक्षार्थ में कदम उठाया है।
*गुजरात के कारीगर कर रहे हैं टावर निर्माण कार्य*----
गुजर बर्डिया के ठेकेदार राजकुमार शर्मा की ठेकेदारी में गुजरात के उजा के पास गोराद गांव के मजदूरों द्वारा किया जा रहा है पक्षी रात्रि विश्राम टावर निर्माण कार्य है।इस टावर में 365 कमरे बनेंगे जिसमें तीन हजार से भी अधिक पक्षी रात्रि विश्राम कर सकेंगे।इस निर्माण कार्य में विशेष रूप से एडिसी सिमेंट का उपयोग किया जा रहा है। ठेकेदार राजकुमार शर्मा ने बताया है कि टावर के शिखर पर राष्ट्रीय पक्षी मोर की प्रतिमा लगाई जाएगी जो हल्की-सी हवा के झोंके से बेरिंग पर गुमती हुईं रहेगी जो अन्य पक्षियों को आकर्षित करेगी। यह निर्माण कार्य 24 मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा।
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