चेतक न्यूज
नीमच शहर के बीच बहने वाली नदी को पुनः जागृत कर सौंदर्यकरण और रिवर फ़्रंट बनाने के लिये केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ जिम्मीदारो की निष्क्रियता से नहीं मिला !
इस नदी के गहरीकरण , सौंदर्यकरण के लिये लगभग ३८वर्ष पूर्व तत्कालीन नगरीय निकाय और पर्यावरण मंत्री स्वर्गिय महेश जोशी ने घोषणा की थी और उस समय मैं विधायक था और स्वर्गीय भेरूलालजी सुधार न्यास के अध्यक्ष थे उस समय नीमच सुधार न्यास के माध्यम से लगभग एक करोड़ दस लाख रुपये की योजना ( डीपीआर सहित )बना कर शासन को सम्बदित विभाग को भेजी थी !
दुर्भाग्य रहा की उसके बाद इस योजना को स्वीकृत कराने में किसी ने भी कोई सकारात्मक पहल नहीं की !
नीमच में बहने वाली नदी को **नमामि गंगे योजना ** जो विगत आठ वर्ष पूर्व लाँच की गई थी में शामिल कराने के भी प्रयास किसी ने नहीं किये ! जबकि मंदसौर की शिवना और डबरा की बहुत ही छोटी नदी के लिये करोड़ों रुपये की योजना स्वीकृत हुई वहाँ के जनप्रतिनिधियों की सक्रियता के चलते !
नमामि गंगे योजना में अरबों खर्बों रुपये का बजट हैं और जनप्रतिंधियों की निष्क्रियता के कारण उसका उपयोग ही नहीं हुआ !
नीमच ज़िले में कई नदीयो को नमामि गंगे प्रोजेक्ट से लाभ मिल सकता हैं !
नीमच शहर के बीच बहने वाली नदी पर अहमदाबाद , कोटा उज्जैन की तर्ज पर शानदार रीवर फ़्रंट बन सकता हैं !यह तभी आकर ले सकता हैं जब स्थानीय ज़िम्मेदार जनप्रतिंधि कुंभकर्णी नींद से जागे और प्रयास करे
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