दशरथ माली -
चीताखेड़ा ग्राम पंचायत में बैठे जनप्रतिनिधियों को गांव की जनसमस्याओं से कोई सरोकार नहीं है। सभी जनप्रतिनिधि एक दूसरे को नीचा दिखाने में अपनी राजनीतिक शक्ति लगा रहे हैं। गांव में पेयजल आपूर्ति हेतु पंचायत कार्यालय के मुख्य दरवाजे के पास निर्मित पुरानी टंकी पर टोटियां तक नहीं है और टंकी फूटी हुईं होने के कारण सैकड़ों लीटर गैलन पानी व्यर्थ बह रहा है। जितना पानी उपयोग में लिया जा रहा है उससे कहीं अधिक गुना पानी फिजूल व्यर्थ बह रहा है। पंचायत में बैठे जनप्रतिनिधियों को अपनी जवाबदारियों से कोई सरोकार नहीं है।
गांव की जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि इतने ठिट हो गए हैं कि गांव का मुख्य मार्ग अति व्यस्त तम मार्ग मेघवाल धर्म शाला से लगा कर नायनखेडी मार्ग पर नल जल योजना वालों द्वारा पाइप लाइन बिछाकर ज्यो का त्यों जंगल नुमा उबड़-खाबड़ छोड़ दिया है। इस मार्ग पर गुजरने वाले राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस मार्ग से गुजरने वाले मोटरसाइकिल सवार रोज दुर्घटनाग्रस्त होकर चोटिल हो रहें हैं। नालियों में बहने वाली गंदगी किचड़ आम रास्ते में भयंकर बदबूदार बहने के कारण आमजन नाक सिकोड़ कर गुजरने पर मजबूर हैं। परंतु पंचायत में बैठे जनप्रतिनिधियों को तनिक भी शर्म नहीं आ रही है। राजनीतिक नशे में चूर भूल गए हैं अपने कर्तव्यों को जनप्रतिनिधि।
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