दशरथ माली
चीताखेड़ा-14 जून । ऐसा कहा जाता है कि यदि किसी को मोक्ष प्राप्त करना है तो जीवन में एक बार धार्मिक श्रद्धा वाले स्थानों की तीर्थयात्रा पर अवश्य जाना चाहिए, लेकिन जैन समाज के दिव्यांग, जो स्वयं तीर्थयात्रा करने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें सशक्त बनाया गया है। पिछले 20 वर्षों से सभी सुविधाओं के साथ यात्रा करने का लाभ मणिभद्रवीर दिव्याग भक्ति मंडल मुम्बई को मिलता आरहा।
उन्होंने बताया है कि मैं उन लोगों के लिए तीर्थ यात्रा कराऊंगा जो स्वयं बैठ कर प्रभु के प्रति समर्पण करने में असमर्थ हैं हमारी पहली यात्रा में 98 विकलांग यात्री थे जिसके बाद हर साल यात्री बढ़ते गए ओर अभी तक 20 वर्षो में 6560 यात्री को यात्रा करवाने का लाभ मंडल को मिला है
*इस तरह यात्रा पूरी की जाती है*
प्रकाशभाई कहते हैं, 'हम सोशल मोडिया पर संदेश प्रसारित करते हैं, जगह- जगह बैनर लगाते हैं, में खुद टीम के साथ गाड़ी लेकर गांवों में जाता हूं और समाज के लोगों से दिव्यांगों को ढूंढने के लिए कहता हूँ. हम पूरे साल राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र आदि राज्यों के छोटे-छोटे गांवों में जाते हैं। उनके परिवार से मिले और उन्हें समझाएं कि इस तरह हम उन्हें समेद शिखरतीर्थ यात्रा पर ले जायेंगे।
प्रकाश डालावत (खीमेल)
MK PLASTIC
दुकान नं. 229, गोड़ीजी चाल, गुलालवाडी, मुंबई - 400002
मो.: 09869672417 / 09828585538
*अब जो भी जीवन है उसे जनसेवा कार्य में लगाना है।*
मैं जो सेवा कर रहा हूं उसमें अपना अधिकतम समय लगाऊंगा। तीर्थयात्रा के बाद आने पर दिव्यांगों के चेहरे पर जो खुशी और संतुष्टि दिखी, वही मुझे यह काम करने की प्रेरणा देती है
*प्रकाश डालावत(खीमेल)*
*मो.09869672417*-
*इस मंडल से सीखा है सेवा सद्भावना*
मै जबसे इस मंडल से जुडा हूं हर जगह कार्यक्रम में सम्मिलित भी होता हूं तो यही ध्यान में रखते है कि कहा कोई दिव्यांग भाई बहन दिखे ओर इस यात्रा के बारे में जानकारी दे और उन्हें यात्रा का लाभ दिलवाए हमारे पास पूरे मध्यप्रदेश राजस्थान का काम मंडल की ओर से सोंपा गया है
*सुमित जैन चीताखेड़ा-नीमच*
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