दशरथ माली -
चीताखेड़ा -26 जून। केंद्र की मोदी सरकार ने देश को स्वच्छ बनाने हेतु चार साल पहले स्वच्छता अभियान की शुरुआत कर सफाई व्यवस्था के लिए प्रतिस्पर्धा शुरू की गई थी। इससे आमजनों में जागरूकता जरुर आई, लेकिन शासकीय तंत्र और जनप्रतिनिधियों में कोई परिवर्तन नहीं आया है। दो साल पहले पंचायत में नई पंचायत के आने के बाद सभी को उम्मीद थी कि गांव के हालात में सुधार होगा, पर हुआ इसका उल्टा ही। अब तो ग्राम पंचायत सरपंच सहित अधिकांश पंच भी निरंकुश हो गए हैं। जनता से जुड़े कार्यों की स्थिति ज्यादा खराब है। सफाई व्यवस्था पूरी तरह से पंगु हो गई है।
बारिश की शुरुआत में ही जगह- जगह आम रास्तों एवं नाली गटरों में पानी भर गया है जिससे राहगीरों को आवागमन में असुविधा एवं नाली गटरों में पोलीथिन एवं किचड़ गंदगी भरी पड़ी रहने से मच्छरों की पैदावारी बढ़ने लगी है। चीता खेड़ा पंचायत द्वारा हर महीने हजारों रुपए संसाधन पर खर्च किए जा रहे हैं। इन सब खामियों के अलावा गांव के अति व्यस्त तम मुख्य मार्गों से लेकर अन्य क्षेत्रों के नाले कचरे गंदगी से जाम हो रहे हैं। इससे आमजन को भयंकर बदबू आ रही है। बस स्टैंड से पीठ की तरफ जा रहे मुख्य मार्ग से लगी हुई नाली गटर सहित अन्य छोटी बड़ी नाली गटरों में गंदगी गंदगी से भरे हुए हैं। जिससे उनका गंदा पानी रास्ते में बह रहा है।
*इनका कहना -*-------
गांव की सफाई व्यवस्था की हालत बड़ी खराब है। नाली गटरों का गंदा पानी रास्ते में बह रहा है। कचरा भी आम रास्ते में पड़ा हुआ है। नालियों की सफाई कई- कई दिनों कि सफाई होती है।
*पंच प्रतिनिधि मुकेश आर्य चीता खेड़ा।*--
गांव में कचरा वाहन से कुछ कचरा तो एकत्रित कर लिया जाता है लेकिन नालों और छोटी नालियों की सफाई व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सबसे ज्यादा मच्छर यही पनपते हैं।
*विकास प्रजापत उपसरपंच चीता खेड़ा।*---
सफाई अभियान पंचायत ने शुरू कर दिया है और अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेंगे। आमजन को भी जागरूकता दिखानी चाहिए। कचरा सड़क मार्ग पर फेंकने के बजाए कचरा वाहन में ही डाले। मार्ग में कचरा फेंकने से यही कचरा नाली गटरों को जाम कर देता है।
*नवीन पाटीदार सचिव ग्राम पंचायत चीता खेड़ा।*
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