सरकार की योजनाओं का दंश झेलने वाले लोग हो रहे है परेशान, सरकार को कोई नहीं सरोकार-
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नीमच-मध्यप्रदेश भले ही सरकार लाडली बहना योजना को लेकर राजनैतिक स्तर पर वाह वाह लुटने का कार्य कर रही है लेकिन कैसी विडम्बना है कि जन्म देने वाली माता व पालन पोषण करने वाले पिता के संघर्ष को दरकिनार कर सिर्फ सरकार का फोकस लाडली बहनों तक ही सीमित रह गया है और उम्र के ढलते पढ़ाव के चलते अपना गुजर बसर करने वाले वृद्धजनों को मोहन सरकार ने हासिये पर छोड़ दिया जिसके चलते पिछले एक वर्ष से वृद्धजन महिला पुरूष जो की वृद्धावस्था पेंशनधारी रहते है वे पेंशन बन्द होने के कारण काफी परेशानी के दौर से गुजर रहे है।
उक्त बात कांग्रेस पार्षद रानी हाजी साबिर मसूदी ने जनहित मे उठाते हुए कहा कि सरकार अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं का जिस प्रकार ढिढोरा पीटती है वहीं अपनी एक नाकामी को किस तरह से छुपाकर उस पर पर्दा डालने के लिये वृद्धावस्था के पेंशन के मामले मे नये नये नियम बनाकर वृद्धजनों को परेशान करने जैसा कृत्य कर रही है वे सरासर नाइन्साफी है। श्रीमति रानी मसूदी ने अपने वक्तव्य को आगे बढ़ाते हुए कहा कि पिछले एक वर्ष से देखने मे आ रहा है कि जहां सरकार ने सफेद कूपन धारी वृद्धजनों को पेंशन से मुक्त कर दिया है श्रीमति मसूदी ने कहा कि सरकारी फरमान के अनुसार इन दिनों एक आदेश पारित किया गया है कि शासन की विभिन्न योजनाओं जैसे वृद्धावस्था पेंशन, विकलांग पेंशन, विधवा पेंशन, कल्याणी पेंशन सहित विभिन्न पेंशन प्राप्त करने वाले हितग्राही आगामी 30 जुलाई तक किसी भी क्रियोस्क सेन्टर पर जाकर
आधारकार्ड, समग्र आईडी के साथ जाकर आवश्यक रूप से ईकेवायसी करवा ले। जिन हितग्राहियों की ईकेवायसी 30 जुलाई तक नहीं हुई तो उन्हें आगामी महिने मे प्राप्त पेंशन में असुविधा प्राप्त होगी।
श्रीमति मसूदी ने कहा कि वर्तमान में पेंशनधारी हितग्राही शासन के आदेश को मानते हुए ढलती उम्र में कोई क्रियोस्क तो कोई नगरपालिका के चक्कर काटने को विवश है लेकिन सरकारी मशीनरी का आलम यह है कि पहले तो आदेश जारी कर दिये गये। लेकिन जब वृद्धजन सारी औपचारिकताऐं पूरी कर नगरपालिका में पेंशन शाखा मे पहंूचते है तो वहां सफेद कूपनधारी हितग्राहियों के कागज देख उन्हें बेरंग लौटाया जा रहा है। जिससे कि यह कहना लाजमी होगा कि सरकार अपनी स्थिति सार्वजनिक रूप से इसमे पारदर्शिता रखते जिससे कि वृद्धजनों को नाममात्र की पेंशन के लिये नगरपालिका मे पहूंचकर वापस मायूस होकर लौटना न पड़े।
श्रीमति मसूदी ने मोहन सरकार पर कटाक्ष करके कहा कि विभिन्न पेंशन हितग्राही योजना के अलावा ऐसे कई कार्य और योजनाऐं है जिनमें नगरपालिका की जो सरकारी मशीनरी है उसके तमाम नियम कायदों को लेकर अशिक्षित लोग परेशान तो हो ही रहे है लेकिन कुर्सी तोड़ने वाले नुमाईन्दे अन्जान जनता को या यूंह कहा जाये कि पात्र हितग्राहीयों को शासन की मंशा वाली योजना के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं देते हा आम जनता को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है और विशेषकर निरक्षर लोग शासन की योजनाओं से वंचित होकर परेशानी का दंश झेल रहे है श्रीमति मसूदी ने कहा कि यदि सरकार जमीनी स्तर से जुड़े लोगों का साथ देने के लिये जितनी बड़ी बातें अपने प्रलोभन के माध्यम से करती है यदि सरकार के मुखिया उन योजनाओं की जमीनी हकीकत को देखे तो दुध का दुध पानी का पानी हो जायेगा कि आखिर कितने लोग सरकार की योजनाओं का लाभ उठा रहे है। श्रीमति मसूदी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए ये भी कहा कि यूं तो सरकारी स्तर पर आवास योजना, आयुष्मान योजना, विश्वकर्मा योजना तथा वर्तमान मे लागु हुई मासूम बच्चों के सिर से माता या पिता का साया उठ जाने पर लागु की गई योजना के बारे मे सरकारी स्तर, आंगनबाड़ीयों मे कोई विशेष जानकारी न देते हुए सिर्फ कागजों मे घुमाने के आदेश जारी कर ऐसे मासूम बच्चों के साथ भी खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे है सरकार को चाहिये कि समस्त योजना के साथ मासूम बच्चों के भविष्य को लेकर सरकार जो चिन्ता जता रही है उसमें भी कोई पारदर्शिता नहीं है अन्त में श्रीमति मसूदी ने कहा कि मे दलगत राजनीति से हटकर जनहित में अपनी बात कह रही हूं सरकार इस मामले मे गम्भीरता दिखाये और समस्त योजनाओं को पात्र लोगों तक पहूंचाने मे पूर्ण रूप से पारदर्शिता रखे तभी विभिन्न योजना का लाभ जन जन तक पहूंच सकेगा।
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