तपस्या से रोगी भी निरोगी बन जाता है- आचार्य श्री जिन सुंदर सुरीश्वर जी महाराज साहब,
चेतक न्यूज
नीमच । श्री भीड़भंजन पार्श्वनाथ मंदिर मंडल ट्रस्ट पुस्तक बाजार नीमच के तत्वावधान एवं आचार्य जिनसुंदर सुरिश्वरजी महाराज साहब की पावन निश्रा में चातुर्मास के मध्य आचार्य श्री के शिष्य रत्न तत्वरुचि महाराज के सानिध्य में 27 जुलाई के मंगलकारी दिवस को सुबह 8.30बजे समस्त तपस्वीयों को नीमच क्षेत्र में होने वाले सामूहिक सिद्धि तप के जैन भवन में सामुहिक प्रथम पच्चखाण परमात्मा के समक्ष हुए।
पर आचार्य श्री ने उपस्थित तपस्वियों को संबोधित करते हुए कहा की तपस्या में मन को कमजोर नहीं होने दे। तपस्या करने वाले को देवता भी नमन करने आते हैं। तपस्या से अनेक धर्म धूम्रपान नशा मदिरापान जैसी बुराइयां भी छूट जाती है। ऐसे कई उदाहरण देश में सामने आए हैं। तपस्या करने से कई रोगी भी निरोगी बन गए हैं। सभी तपस्वी पवित्रता के साथ नियमा अनुसार तपस्या कर अपनी आत्मा का कल्याण करें।
इस कार्यक्रम के लिए दावणगिरे से उत्तम भाई की संगीत मण्डली सहभागी बने। भजन गायक कलाकार उत्तम भाई दोणगेरी कर्नाटक ने आत्मा ओ परमात्मा आपने इतना दिया कि में गिन भी नहीं पाया.., सिद्धि तप सिद्धि तप घर-घर में होगा..., गुरुदेव की कृपा से हर काम हो रहा है.... हर करम अपना करेंगे ए जिनेश्वर भगवान तेरे लिए..., तपस्वी आया आज तपस्वी धूम मचाओ रे... दादा तिराने वाला है... भजन प्रस्तुत किया तो श्रद्धालु नृत्य की मस्ती में डूबने लगे। आचार्य श्री द्वारा ओम रीम नमो सिद्धानम मंत्र का उच्चारण करवा कर सभी वर्षितप के तपस्वियों को श्रीफल अक्षत नारियल से प्रदक्षिणा परिक्रमा कर सिद्धि तप का संकल्प दिल कर वर्षितप उपवास की सफलता के लिए मंगल आशीर्वाद ग्रहण किया।
सभी तपस्वियों द्वारा सिद्धि तप का संकल्प लेने पर सामूहिक अनुमोदना की गई। प्रतिदिन सामूहिक प्रतिक्रमण का संकल्प भी दिलाया गया।
सभी श्रावक श्राविकाएं समय पर उपस्थित होकर तपस्वीयों को शुभेच्छा देने पधारे और पुण्य लाभ ग्रहण किया।श्री संघ ट्रस्ट सचिव मनीष कोठारी ने बताया कि मेवाड़ मालवा क्षेत्र के बड़ी संख्या में तपस्वी धर्म प्रेमी लोगों ने उपस्थित होकर तप धर्म का पुण्य लाभ ग्रहण किया।
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