खेत खलिहानों एवं घरों में बनाई चुरमा बांटी लगाया ईष्ट देवी देवताओं व पूर्वजों को भोग, इंद्र हवन पूजन कर मनाई उज्जैनी





       दशरथ माली -

    चीताखेडा-28 जुलाई। अंचल में झमाझम बारिश हेतु इन्द्र देव को प्रसन्न करने, पशुओं में महामारी, प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा,देश एवं अंचल की सुख-समृद्धि की कामना करने के लिए  रविवार को चीताखेडा ग्रामवासियों द्वारा खेडादेवत पूजा कर उज्जैयिनी मनाई गई ।ग्रामवासियों द्वारा  गांव के कुछ ने अपने ही घरों में तो कई लोगों ने बाहर खेत खलिहानों पर पहुंच कर  चुरमा-बाटी बनाकर ईष्ट देवता एवं पारिवारिक पुर्वजों को भोग लगाकर सभी अपने- अपने ईष्ट देवी देवताओं का सुमिरन किया।

        वर्तमान में खरीफ की फसलें सोयाबीन , मक्का, मुंगफली, उड़द सहित सभी  फसले पूरे यौवन पर है।इस समय झमाझम बारिश की शक्त आवश्यकता है।रिमझिम बरसात हुई है जो वर्तमान में फिलहाल बहुत ही कम है, अभी कुएं, नदी, तालाब खाली पड़े हुए हैं। क्षेत्र में प्रर्याप्त एवं झमाझम बारिश,देश में अमन चैन, गांव की सुख-समृद्धि, पशुओं में महामारी से बचाव हेतु गांव से बाहर पशुओं को निकाला गया। गांव में विराजमान देवी देवताओं के पुजारियों द्वारा  शनिवार-रविवार की रात्रि को मंदिरों में रात्रि जागरण कर हवन पूजन किया गया। तथा रविवार को अल सुबह 4बजे से ही बस स्टैंड पर पशुओं की  महामारी  बीमारी से सुरक्षा हेतु सुरक्षा वंधन वार बांधी गई और वहां मंदिरों में हवन पूजन से अभिमंत्रित जल से पशुओं पर नीम की पत्तियों से छिडकाव  कर टोटका किया गया ।तथा दोपहर बाद गांव के सीतलामाता मंदिर पर इन्द्र हवन पूजन किया गया। धर्म प्रेमी नाथूलाल बंजारा, हुकमीचंद जावरिया, कन्हैयालाल माली, मोहन लाल भील,छगन लाल साल्वी, शांतिलाल माली, चंपालाल माली,गोतम लाल (काका) सहित कई वरिष्ठ जनों ने ढोल ढमाको के साथ गांव के सभी देवी-देवताओं को सिंदूर,पन्नी पाटा का चोला चढ़ाकर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास किया,और गांव हेमाडा पर गांव महामारी बीमारी को रोकने हेतु सुरक्षा (कार) डोर बांधकर पशुपालकों ने जल का छिड़काव करवाने का टोटका किया। गांव के  कुछ धर्म प्रेमी होटल व्यवसाईयों ने स्वैच्छिक अपने अपने प्रतिष्ठान बंद रखें।

टिप्पणियाँ