आरक्षण में उप- वर्गीकरण एवं क्रिमिलेयर" के आदेश को अध्यादेश लाकर हटाने की मांग,बसपा व भीम आजाद स पा ने विरोध प्रदर्शन किया

 

प्रकाश पाराशर, चेतक न्यूज

नीमच।  सुप्रीम कोर्ट के आदेश आरक्षण में उप वर्गीकरण एवं क्रीमीलेयर लागू करने के आदेश को अध्यादेश लाकर  हटाने की मांग को लेकर बुधवार को बसपा और भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी के सदस्य   अंबेडकर सर्किल पर एकत्रित हुए जहां से रैली निकाली गई। यह रैली नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंची। जहां महामहिम राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर प्रतिनिधि किरण आंजना को सोपा  जिसमें बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 अगस्त 2024 को एस सी एसटी वर्गों के आरक्षण में उप-वर्गीकरण करने एवं क्रिमिलियर संबंधी आदेश दिया गया है जिससे SC-ST वर्ग के करोड़ो लोगों के संवैधानिक अधिकार खतरे में पड़ गए है! SC-ST वर्गों को संविधान के अनुच्छेद 15 (4) एवं 16 (4) में

सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़ेपन के लिए आरक्षण (प्रतिनिधित्व) देने की व्यवस्था की गई है, न कि आर्थिक आधार पर।मा. सुप्रीम कोर्ट ने इन वर्गों के आरक्षण में क्रिमिलियर लगाने एवं उपवर्गीकरण करने का अधिकार राज्य सरकारों को दे दिया है जबकि अनुच्छेद 341 एवं 342 के तहत किसी जाति उपजाति को SC-ST वर्ग की सूची में जोड़कर आरक्षण के दायरे में लाने या आरक्षण के दायरे से बाहर करने का अधिकार महामहिम राष्ट्रपति महोदय केंद्र सरकार को है। न कि राज्य सरकार को वर्तमान में कुछ प्रदेश निश्चित ही इस आदेश के अनुसार अपनी अपनी तैयारी में लग गये होंगे जैसा की अनुसूचित जाति जनजातिय वर्ग के देश के हर राज्यों एवं केंद्र के खाली पड़े लाखों बैकलॉग पदों से नियत समझ आ रही है। और वैसे भी मा. सुप्रीम कोर्ट का उक्त निर्णय SC-ST वर्ग के संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ होकर पूर्णतः गैर- संवैधानिक है।बसपा राष्ट्रीय अध्यक्षा कु. मायावती ने उक्त आदेश का 4 एवं 10 अगस्त को प्रेस वार्ता कर कड़ा विरोध किया।केंद्र सरकार को अध्यादेश लाने एवं स्पेशल संसद सत्र बुलाकर उच्चतम न्यायालय के उक्त आदेश को निष्प्रभावी बनाने के लिए बिल पास कर आरक्षण विषय को संविधान की 9 वीं अनुसूची में डालने को कहा था जिससे भविष्य में आरक्षण के साथ कोई छेडछाड न हो सके।देश में SC-ST वर्गों के साथ 75 बर्ष की आजादी के अमृत-काल आने के बाद आज भी जातीय आधार पर अत्याचार एवं भेद-भाव होता है जो किसी से छुपा नहीं है और ये विभिन्न सरकारों की इन वर्गो के प्रति अच्छी नियत नहीं होने का प्रमाण है।

।आज देश का करोड़ों शोषित पीड़ित समाज मा. सुप्रीम कोर्ट के उक्त आदेश से दुःखी व सहमा है और 21 अगस्त 2024 के आंदोलन में बहुजन समाज पार्टी इन सभी करोड़ों शोषित पीड़ित समाज के साथ खड़ी।बसपा जिला इकाई- मांग करती है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 अगस्त 2024 को आरक्षण के संबंध में दिए गए निर्णय को निष्प्रभावी बनाने के लिए अध्यादेश जारी किया जावे या विशेष संसद सत्र बुलाकर बिल पास कर आरक्षण विषय को संविधान की 9 वीं अनुसूची में डाला जावे। तभी देश के करोड़ों पिछड़े- शोषित (SC-ST) वर्गों के साथ सामाजिक गैर-बराबरी की कम एवं खत्म करने वाले संवैधानिक अधिकार आरक्षण को कम होने से बचाया जा सकता है। बहुसंख्यक समाज की भागीदारी से ही हमारा देश,दुनिया में विकास के मानकों को प्राप्त कर सकता है जैसा हमारे देश के महान संविधान के निर्माता परम पूज्य डा भीमराव अंबेडकर जी की मंशा रही है। इसी प्रकार भीम आर्मी आजाद समाज पार्टी ने भी अपने ज्ञापन में चार सूत्रीय मांगे रखी है जिसमें जातिगत जनगणना कराई जाने,अनुसूचित जाति एवं जनजातीय तथा अन्य पिछड़े वर्गों का आरक्षण कोटा सभी विभागों में पूरा किया जाने, गैर सरकारी संस्थानों में भी आरक्षण व्यवस्था लागू करने,और जब तक अनुसूचित जाति जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्गों का आरक्षण कोटा सभी विभागों में पूरा नहीं होता तब तक आरक्षण के इस प्रावधान को संविधान की नवी सूची में डाला जाने की मांग करते हुए आरक्षण प्रावधान में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ ना करने की मांग रखी गई है। अवसर पर बहुजन समाज पार्टी के जौन प्रभारी राधेश्याम कमांडर, माधव सिंह सिसोदिया,बसपा जिलाअध्यक्ष दुर्गा प्रसाद जाटव, कन्हैयालाल मेघवाल, श्याम भगोरी, जगदीश पेंटर, सुरेश, मनोज मनोरी, डॉक्टर बी आर करेसिया, शमशाद अली प्रेमचंद कलोसिया, भगवान लाल जांगड़ा, भजनलाल नरवाले, जानकी लाल  ररोतियां उत्तर, लक्ष्मी नारायण खान खेड़ी, पप्पू नकुम, सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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