प्रदेश सरकार ये कैसी गौशाला नीति-अप्रैल 2022 से जून 2023 तक का गौशालाओं का अनुदान कर दिया गायब, कांग्रेस नेता तरूण बाहेती ने पूर्व सीएम को दिग्विजयसिंह को कराया मामले अवगत

  


- पूर्व सीएम ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को लिखा पत्र 15 माह का गौमाता के चारे और संरक्षण का अनुदान न देकर किया अन्याय


नीमच। प्रदेश सरकार की ये कैसी नीति की है कि गौशालाओं को मिलने वाली अनुदान राशि को गायब दिया गया है। वह भी एक या दो नहीं पूरे 15 माह की। मामले में कांग्रेस नेता तरूण बाहेती ने बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह से मिलकर उन्हें गौशालाओं को मिलने वाले अनुदान की स्थिति से अवगत कराया था और बताया था कि पूरे प्रदेश में अप्रैल 2022 से जून 2023 तक 15 माह का अनुदान से सरकार गौशालाओं को वंचित कर दिया है। 

कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य ने मय तथ्यों के साथ अनुदान नहीं मिलने की जानकारी पूर्व मुख्य्मंत्री दिग्विजय सिंह के समक्ष रखी थी कि अनुदान नहीं मिलने के कारण गौवंश के चारे और गौशाला के संचालन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। श्री बाहेती की पूरी बात समझने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा है, जिसमें पूर्व सीएम ने कहा कि  गौवंश के संरक्षण के लिए कांग्रेस सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 में गौशालाओं को अनुदान देने की शुरूआत की थी।  योजना के तहत प्रति गौवंश प्रतिदिन 20 रूपए की राशि अर्थात प्रतिमाह एक गौवंश पर 600 रूपये का अनुदान देना प्रारंभ किया था । मुझे तथ्यात्मक जानकारी प्राप्त हुई है कि मार्च 2022 के बाद गौशालाओं को दिया जाने वाला अनुदान सीधे जुलाई 2023 से दिया गया है । मतलब अप्रैल 2022 से जून 2023 तक का 15 माह के अनुदान से गौशालाओं को वंचित कर दिया गया है । 

पत्र में पूर्व सीएम ने  नीमच जिले का उल्लेख करते हुए लिखा कि अकेल नीमच जिले में 4720 गौवंश के लिये अनुदान राशि 15 माह की रूपए लगभग 4 करोड़ 25 लाख के भुगतान से गौमाताओं को वंचित कर दिया गया है और लोगों को भ्रमित करने के लिए जुलाई 2023 से पुनः भुगतान किया गया है । उपरोक्त जिले के औसत से ही देखा जाये तो पूरे प्रदेश में गौमाता के लिये चारे की व्यवस्था और संरक्षण पर खर्च की जाने वाली 15 माह का लगभग 325 करोड़ रूपए से अधिक की अनुदान राशि सरकार द्वारा बचा ली गई है । यह गौमाता के साथ अन्याय एवं गौशाला संचालकों के लिये निराशाजनक है । सरकार के उक्त निर्णय से कांग्रेस सरकार द्वारा प्रारंभ की गई गौमाता के संरक्षण की योजना को गहरा धक्का लग रहा है । पत्र में पूर्व सीएम ने कहा कि प्रदेश में सड़कों पर जीवन गुजार रही और वाहनों की चपेट में आ कर मर रही गौमाताओं और गौवंश के संरक्षण को गंभीरता से लेते हुए गौशालाओं के अनुदान की रोकी गई 15 माह की राशि को जारी करवाया जाए। 

अभी चार माह से नहीं मिला अनुदान गौशाला संचालक परेशान

मामले में कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने कहा कि साल 2022 व 2023 के बीच पहले तो गौशालाओं को 15 माह के अनुदान से वंचित कर दिया गया। अभी वर्तमान में स्थिति यह है कि गौशालाओं का अनुदान पिछले चार माह से नहीं आया है, जिसको लेकर गोशाला संचालक परेशान हैं। श्री बाहेती ने कहा कि गौवंश संरक्षण का दावा करने वाली प्रदेश की भाजपा सरकार को अपने दावों पर कायम रहना चाहिए और गौशालाओं को बीते 15 माह के साथ ही वर्तमान के 4 माह के अनुदान का भी भुगतान तत्काल करना चाहिए।

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