कांग्रेस नेता तरूण बाहेती ने लगाए आरोप- नई अफीम नीति जारी करने में हो रही भारी लेतलाली,किसान परेशान, एक महीने से ज्यादा की हो चुकी है देरी,कब मिलेंगे पट्टे और कब करेंगे बोवनी,सांसद की नीति स्पष्ट नहीं

चेतक न्यूज

नीमच। वर्ष 2024-25 की अफीम नीति जारी करने में दिल्ली से भारी लेतलाली हो रही है। आलम यह है कि हर वर्ष की तुलना में इस बार अफीम नीति जारी होने में एक माह से अधिक की देरी हो चुकी है। ऐसे में कब अफीम की खेती करने पट्टे मिलेंगे और कब बोवनी करेंगे, इस बात ने अफीम काश्तकारों की चिंता को बढा रखा है, लेकिन सांसद सुधीर गुप्ता को इससे कोई सरोकार नहीं है, वे तो किसानों को लॉलीपॉप दे रहे हैं कि उन्होंने केंद्र सरकार ने जल्द अफीम नीति घोषित करने की मांग की है,जबकि विडंबना यह है कि आपकी सरकार में आपको याचना करना करना पड़ रही है यह आपके लाचारी और किसानों के प्रति अस्पष्ट नीति को दर्शाता है। 

यह आरोप कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने लगाया है उन्होंने बताया कि साल 2023-24 की अफीम नीति केंद्र सरकार ने 14 सितंबर 2023 को घोषित कर दी थी, जिसके तहत अफीम उत्पादक राज्या मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के लगभग 1.12 लाख किसानों को लाइसेंस दिए गए थे , जिसमें लगभग 54,500 मध्यप्रदेश के किसान शामिल थे। शेष राजस्थान व यूपी के किसान शामिल थे। श्री बाहेती ने कहा की आखिर ऐसा क्या कारण है की पिछले वर्ष 2023 में 14 सितंबर को अफीम घोषित हो चुकी थी,लेकिन इस वर्ष 2024 में सितंबर कर पूरा महीना और अक्टूबर माह का एक पखवाड़ा बीत चुका है पर अब तक नई अफीम नीति घोषित नहीं हो पाई है। बाहेती ने आरोप लगाया कि सांसद सुधीर गुप्ता अफीम किसानों के प्रति बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। आखिर नई अफीम नीति जारी करने में क्यों देरी हो रही है इसका कोई जवाब तक नहीं दे पा रहा है।

किसानों को सता रही है चिंता-

कांग्रेस नेता श्री बाहेती ने कहा कि वर्तमान समय अफीम काश्त के लिए खेतों को तैयार कर लिया जाता है और कई किसान बोवनी भी कर देते हैं, लेकिन इस बार अफीम नीति जारी करने में दिल्ली से भारी देरी की जा रही है, जिसको लेकर किसानों की चिंता बढ गई है। कारण यह है कि अफीम नीति में क्या खुलासा होता है। किस किसान को कितने आरी का पट्टा मिलेगा और किसे सीपीएस पट्टा जारी होगा। इसको लेकर मप्र के किसान दिल्ली में धरने पर बैठे, पर उनकी सुनवाई नहीं हो रहे रही है। स्थिति यह है कि सांसद सुधीर गुप्ता की भूमिका भी अफीम नीति को लेकर स्पष्ट नहीं है, वे खुद किसानों को कह रहे हैं कि मैं ने अफीम नीति को जल्द घोषित करने की मांग वित्तमंत्री के समक्ष रखी है, जबकि उन्होंने 7 दिन पहले अफीम नीति को लेकर वित्त मंत्रालय में आयोजित बैठक में भाग लिया था जिसमें सांसद श्री गुप्ता को अफीम किसानों के मुद्दे को बैठक में दमदारी उठाना था,पर उन्होंने भी याचक की भूमिका निभाते हुए अफीम किसानों के प्रति अपनी भूमिका जाहिर कर दी है।

जल्द अफीम नीति की घोषित किसानों को दे राहत-

जिला पंचायत सदस्य श्री बाहेती ने कहा कि इस बार केंद्र सरकार ने अफीम नीति को घोषित करने में एक माह से ज्यादा की देरी कर दी है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय अफीम काश्तकारों और अनुकुुल मौसम की परिस्थितियों को देखते हुए एक सप्ताह के अंदर-अंदर अफीम नीति घोषित करें। ज्यादा देरी करने पर किसानों को नुकसान होगा और फसल भी प्रभावित होगी। उन्होंने  कहा कि अफीम काश्तकारों की मांगों को पूरा करते हुए अफीम किसानों की समस्याओं का अफीम नीति 2024-25 की में निराकरण किया जाए। जिसमें 1997-1998 से आज तक के रूके हुए अफीम लायसेंस (पट्टे) बहाल करते हुए लुवाई चिराई के पट्टे जारी किए जाए। सीपीएस पद्धति पर सरकार पुनः विचार करें क्योंकि सरकार सीपीएस पट्टे जो जारी कर रही है,लेकिन सीपीएस की प्रोसेसिंग यूनिट की अभी तक स्थापना नहीं हो पाई है, जिसके कारण सरकार के पास सीपीएस डोडा भारी मात्रा में जमा हो चुका है और आने वालों सालों में भी जमा होगा। इधर लुवाई चिराई वाले पट्टों से मिलने वाली अफीम से ओपियम फैक्ट्री नीमच व गाजीपुर यूपी में मांग 600 मिट्रीक टन के मुकाबले पूर्ति 350 मिट्रीक टन हो रही है। ऐसे में सरकार सीपीएस पट्टे कम कर लुवाई चिराई के पट्टे बढाए, जिससे दोनों फैक्ट्री में मांग अनुरूप अफीम का उत्पादन हो। श्री बाहेती ने कहा की अफीम के भावों मेंं इजाफा किया जाए और डोडाचूरे को एनडीपीएस एक्ट के बाहर किया जाए एवं जिन किसानों ने सीपीएस पद्धति में बेहतर फसल पैदा करी है उन्हें चीरा पद्धति के पट्टे जारी किया जाए साथ हीं पाला व अतिवृष्टि से कटे हुए अफीम पट्टों को भी जारी किये जाए

टिप्पणियाँ