स्वच्छ वायु ,पर्वावरण को संरक्षित करने से मिलेंगी पुरनी गाड़ियों को बंद करने से नहीं - इंजी नवीन कुमार अग्रवाल , भाजपा सरकार का 10 और 15 साल से पुरानी गाड़ियों के लिए तुगलकी फ़रमान

 




चेतक न्यूज

नीमच।  भाजपा की डबल इंजन सरकार नित नए तुगलकी आदेश मध्यप्रदेश के आम नागरिको के लिए लेकर आती है और आम जन को परेशानी में डाल  देती है ऐसा ही एक तुगलकी आदेश पर्यावरण विभाग की समीक्षा बैठक  में मुक्यमंत्री ने दिया  की 10 साल से पुरानी  डीजल गाड़ियों को और 15 साल से पुरानी  पेट्रोल गाड़ियों को 100 एयर क़्वालिटी इंडेक्स से ऊपर वाले शहरों में पेट्रोल डीजल नहीं दिया जावेंगा , और  ऐसा ही एक और तुगलकी आदेश शिवराज सरकार में आया था जब 53 प्रकार के वृक्षों को काटने की अनुमति वाला सरकारी नोटिफिकेशन 24  सितम्बर 2019 को जारी हुआ था जिससे जंगलो की अवैध कटाई में वृद्धि हो गई और इन वर्षो में  नोटिफिकेशन की आड़ में करोड़ो पेड़ जंगलो शहरों से काट दिए गए जिस पर उच्च न्यायालय  ने तल्ख़ टिप्पणी कर पुष्पा  फिल्म से तुलना की  फिर भी सरकार  को शर्म नहीं आ रही है ? मात्र पुराणी गाड़ियों को बंद करने से कुछ नहीं होगा यह तो सिर्फ एक कारक  है इसके अलावा भी ओधोगिक क्षेत्र से निकलने वाला धुँवा ,प्रदेश में खस्ताहाल  सड़को से उड़ने वाली  धूल  , सिंगल यूज़ पलास्टिक को  जलाना , जंगलो में आग लगना जैसे कई और भी कारक  है जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक में बढ़ोतरी होती है और वायु प्रदूषित होती है लेकिन मात्र जनता  ही तुगलकी आदेश जारी करना  और डबल इंजन की सरकार द्वारा अन्य कारको पर ध्यान न देना निहायत ही मूर्खता है अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ना है । आम आदमी पार्टी  के प्रदेश प्रवक्ता इंजी नवीन कुमार  अग्रवाल ने डबल इंजन सरकार पर तीखी  प्रतिक्रिया दी है. 

           अग्रवाल ने जानकारी में बताया की अभी अभी हाईकोर्ट ने  मध्यप्रदेश  में अंधाधुंध हो  रही पेड़ो की कटाई के मामले में तल्ख़ टिपण्णी करते हुए कहा है की " जैसे पुष्पा फिल्म में तस्कर ,विधायक और अधिकारी सिंडिकेट चलाते  है ठीक उसी तरह की स्थिति मध्यप्रदेश में भी बनी हुई है।" कोर्ट की टिपण्णी से स्पष्ट है की प्रदेश के जंगलो में किस प्रकार से नोटिफिकेशन की आड़ में अंधाधुंध  अवैध कटाई हो रही है और प्रदेश में वायु प्रदूषित हो रही है। और इस प्रकार का पेड़ो को काटने का तुगलकी नोटफिकेशन भी डबल इंजन की  सरकार के कार्यकाल अर्थात 2019 में ही जारी हुआ था। 

           अग्रवाल ने कहा की एक आम आदमी अपनी वर्षो की जमा पूंजी से  वाहन  खरीदता है और बर्षो तक उसे सहेज कर अपने नित्य के आवागमन  को पूरा करने के लिए बहुत ही कम उपयोग कर  सहेज कर रखता है लेकिन इस प्रकार के तुगलकी आदेशों से उसका सपना टूट जाता है और बहुत कम चली गाड़ी को भी ओने  पोने  दामों पर विवश होकर  बेचना पड़ता है। दूसरी और प्रदेश सरकार  और स्थानीय निकायों का दायित्व है की वो अपने अपने क्षेत्रों में गुणवत्ता पूर्ण सड़को का निर्माण करे ताकि वाहनों के चलने से डस्ट पार्टिकल  हवा को प्रदूषित न करे साथ ही प्रदेश सरकार के जवाबदारी है की वो औद्योगिक क्षेत्रों में चिमनियों से उड़ने वाले प्रदूषित जहर की रोकथाम करे और निकलने वाले जहरीले धुंवे  को एयर फ़िल्टर कर ही वातावरण में छोड़े  लेकिन बड़ा दुखद पहलु है की चंद  रुपयों की खातिर  आज तक प्रदेश में  उद्योगों  द्वारा छोड़े  जाने वाले प्रदूषित धुंवे  के ऊपर  कोई ठोस कारवाही नहीं हुई है और न ही गुणवत्तापूर्ण सड़को का निर्माण सरकार करा पाई है। साथ ही प्रदूषित वायु के सबसे बड़े अवशोषक पेड़ो को शहरो में संरक्षित कर पाई है ?

       अग्रवाल ने कहा  की जब जब प्रदेश में वायु गुणवत्ता सूचकांक मानक से ज्यादा  होता है  तो पुरानी  गाड़ियों को और किसानो की परलाई  को दोषी बना दिया  जाता है  और सरकार के जो दायित्व है उन्हें भूलकर मात्र आम जन के खिलाफ तुगलकी आदेश कर दिए जाते है जिसक हम विरोध कर सरकार से उम्मीद करते है की वो  वायु गुणवत्ता सूचकांक को बेहतर करने के लिए पर्यावरण  को संरक्षित कर अधिक  से अधिक जंगलो और शहरो में पेड़ो को संरक्षित कर, ,कमीशनखोरी मुक्त  गुणवत्तापूर्ण सड़को का निर्माण कर , प्रदेश में उद्योगों से निकलने  वाले जहरीले धुंवे  पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही कर एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार करेंगी  न की पुरानी गाड़ियों के लिए तुगलकी फरमान जारी कर।  उक्त आशय का माननीय मुक्यमंत्री को पत्र भी प्रेषित कर मांग की गई है की वायु प्रदुषण के लिए अन्य कारको पर भी ध्यान दीजिये मात्र गरीबो के वाहनो  पर नहीं।  

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