प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटिलेटर पर - इंजी नवीन कुमार अग्रवाल , 108 नहीं , शव वाहन नहीं और अब एंबुलेंस में ऑक्सीजन नहीं
भोपाल। आम नागरिक सरकार को टैक्स इसलिए देता है ताकि उसे टैक्स के बदले सरकार से बेहतर स्वास्त्य सुविधाएं , बेहतर शिक्षा , बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध हो ,लेकिन प्रदेश में तीनो ही व्यवस्थाएं धराशाही एवं लचर अवस्था में है और भाजपा के 20 साल के शासन में बद से बदतर हालात में पहुंच गयी है। इसकी प्रमाणिकता हम सीधी में प्रसूता को 108 न मिलने पर ठेलागाड़ी मेंअस्पताल तक ले जाने पर रास्ते में ही नवजात की मृत्यु , सीधी में ही शव वाहन न मिलने पर मृतक को पोटली में बांधकर बांस बल्ली के सहारे घर तक ले जाना पड़ा था और उसी तर्ज पर फिर गुना में एक एम्बुलेंस में ऑक्सीजन खत्म होने पर एक बच्ची ने दम तोड़ दिया। वह घटनाएं प्रदेश की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को बया करती है की प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटिलेटर पर है और फिर भी भाजपा के कुछ जुमलेबाज नेता प्रदेश को विकसित बताते नहीं थकते उक्त कटाक्ष करते हुए आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता इंजी नवीन कुमार अग्रवाल ने भाजपा की डबल इंजन सरकार से सवाल पूछा है की कब तक प्रदेश में इसी प्रकार की कु व्यवस्था विद्यमान रहेंगी ?
अग्रवाल ने विस्तृत जानकारी में बताय की गुना में एक सादे तीन साल की हर्षिता को बुखार के कारन गुना जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन जब उसकी हालात में सुधार नहीं हुआ तो उस बच्ची को भोपाल के लिए रेफर किया गया। बिच रास्ते में एम्बुलेंस में रखे सिलिंडर में ऑक्सीजन ख़त्म हो गई और ऑक्सीजन न मिलने से बच्ची ने तड़फ तड़फ कर रास्ते में ही अपने माता पिता के सामने ही प्रदेश की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण जान दे दी। हम अंदाजा लगा सकते है की उस मासूम बच्ची के माता पिता के लिए वो पल कितने दुखदायी और तड़फ भरे रहे होंगे और मानवता को सर्मसार करने वाला वाकया की एम्बुलेंस चालक और नर्सिंग स्टाफ एम्बुलेंस तक छोड़ कर भाग गए।
अग्रवाल ने कहा की एक और भाजपा की डबल इंजन सरकार प्रदेश के लिए एयर एम्बुलेंस की बात करती है दूसरी और स्वास्थ्य से जुडी यह तीन घटनाये बताती है की भाजपा ने इन 20 सालो में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को कितना निम्नतम स्थिति में पहुंचा दिया है और मात्र जुमलेबाजी कर जनता के टैक्स के रुपयों से जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं न देकर भाजपा अपने ऐशो आराम एवं प्रचार पर खर्च कर रही है। इन घटनाओं से जनता जर्नादन को भी सोचना चाहिए की हम कैसे निष्ठुर निष्क्रिय असंवेदनशील जनप्रतिनिधियों का चुनाव कर रहे है ?
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