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झाबुआ/आलीराजपुर । आदिवासी अंचल लोक परंपरा के सांस्कृतिक उत्सव के उल्लास में रंग गया है। आज से झाबुआ-आलीराजपुर जिले में साल के सबसे बड़े लोक उत्सव भगोरिया हाट की शुरुआत हो गई है। मांदल की थाप और बांसुरी की तान पर निकलने वाली रंगारंग गेर में पाररंपरिक आदिवासी नृत्य की छटा बिखर रहे हैं।
उत्सव में शामिल हर कोई थिरकने को मजबूर हो गया। आदिवासी अंचल में होली से एक सप्ताह पूर्व से भगोरिया का रंग जमने लगा है। काम के लिए अन्य प्रांतों में पलायन कर गए ग्रामीण भी अब लौटने लगे हैं। लोक उत्सव को लेकर पुलिस ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है।
पुलिस का कहना है कि भगोरिया हाटों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। भगोरिया में हथियारों के प्रदर्शन को पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है। साथ ही सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक संदेश अथवा ऑडियो-वीडियो वायरल करने पर भी सख्त कार्रवाई होगी।
बता दें कि आदिवासी अंचल में होली से एक सप्ताह पूर्व से नगर, कस्बे व ग्राम में हाट बाजार के दिन भगोरिया हाट की परंपरा रही है। यह लोक पर्व देश-विदेश में मशहूर है। भगोरिया हाट में आदिवासी समाजजन पारंपरिक वेशभूषा में शामिल होते हैं तथा ढोल-मांदल की थाप व बांसुरी की तान के साथ नृत्य करते हुए गेर निकाली जाती है।
यह गेर भगोरिया का सबसे बड़ा आकर्षण है। इसमें आदिवासी समाज की पुरातन पारंपरिक संस्कृति के रंग बिखरते हैं। यही कारण है कि देश के साथ ही विदेश से भी लोग भगोरिया उत्सव देखने के लिए आते हैं।
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